गुरु घासीदास, एक दिवसीय जयंती समारोह: ग्राम बलौदी में सतनाम समाज ने मनाया एकता और समरसता का पर्व



सारंगढ़-बिलाईगढ़
सतनाम समाज के आराध्य गुरु घासीदास बाबा की जयंती के अवसर पर ग्राम बलौदी में भव्य एक दिवसीय समारोह का आयोजन किया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु इस पवित्र आयोजन में शामिल हुए। यह आयोजन सतनाम समाज की परंपरा के अनुसार 18 दिसंबर के बाद क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जारी जयंती समारोह की एक कड़ी था।

समारोह
शाम के कार्यक्रम: गुरु घासीदास जी के जैतखाम में श्रद्धापूर्वक पालो चढ़ाने और गांव में शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

रात्रिकालीन आयोजन: रात में मंगल गायन, पंथी नृत्य, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से गुरु घासीदास बाबा के उपदेशों और जीवन सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाया गया। कार्यक्रम के दौरान “मनखे-मनखे एक समान” के संदेश को विशेष रूप से रेखांकित किया गया।

समाज को प्रेरणा: गुरु घासीदास बाबा की शिक्षाओं को जीवनशैली में अपनाने और समाज में समानता, भाईचारा और सद्भावना का संदेश फैलाने पर जोर दिया गया।


आयोजन में मुख्य भूमिका निभाने वाले युवा:

ग्राम के ऊर्जावान युवाओं ने आयोजन की सफलता में अहम भूमिका निभाई। मुख्य आयोजक थे:
अशोक मनहर, राजेंद्र महेंद्र, प्रिंशु लोकेश, चंद्र प्रकाश, आशीष, गणपत, सनत, अरुण, गुलशन, रवि, अवगेश, सुजल, दिलेश्वर, अमित मनहर, भूषण जाटवर, राकेश और केदार।

विशेष सहयोगियों का योगदान:

समारोह की सफलता में ग्राम पंचायत बलौदी के सरपंच दशरथ खुटे और अन्य सहयोगियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष सहयोगी:
वमन कुर्रे, अनिल खुटे, महेश जाटवर, छालो प्रसाद, शशि खुटे, पूरन कमलेश जांगड़े, जगदीश खुटे, दिनेश कुर्रे, दशरथ प्रेमी, राजेश्वर खुटे, सतवंन खुटे, पुकराम और टेकराम भास्कर।

समाज में नई ऊर्जा का संचार:

इस आयोजन ने न केवल समाज में एकता और समरसता को बढ़ावा दिया, बल्कि बाबा के विचारों को आत्मसात कर समाज के लोगों में नई ऊर्जा का संचार किया। ग्रामीणों ने गुरु घासीदास बाबा की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
इस प्रकार, ग्राम बलौदी में आयोजित यह जयंती समारोह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि समाज में समानता, प्रेम और सहयोग की भावना को भी सुदृढ़ करता है।

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Chuneshwar sahu